मानव संसाधन विकास मंत्रालय को देश के विकास के लिए सरकारी एंव गैर सरकारी विश्वविद्यालयों को मान्यता तभी देनी चाहिए जब वह देश के विकास के लिए कोई प्रोजेक्ट तैयार करें और सरकारी एंव गैर सरकारी विश्वविद्यालयों की जिम्मेदारी भी तय करें कि देश के विकास में आपकी अहम भूमिका होगी।
देश के विकास के लिए यूनिवर्सीटीज को आगे आना होगा जिससे शोध कार्य करने वाले छात्रों का भी मदद मिल सके एंव देश में शोधार्थीयों द्वारा तैयार की गई रिर्पोट एंव शोध कार्यो को सही दशा दिशा मिल सकें।
आज भारत वर्ष में दिशा हीन शोधकार्य हो रहा है, कमोबेस विश्वविद्यालायों में शोधार्थीयों द्वारा किया गया शोधकार्य स्तरीय नहीं है। देश के विकास के लिए मूल शोध होना चाहिए जिससे देश विकास कर सके।
हर विश्व विद्यालय को वह जिस क्षेत्र के सम्बन्धीत कोर्स संचालित करता है। उसके अनुरूप कार्य देना चाहिए सिविल क्षेत्र में डिग्री एंव डिप्लोमा देने वाले विश्वविद्यालय से बिल्डिग, सड़क एंव पुल तकनीक के द्वारा कार्य करवाये जाये। और समाज में विश्वविद्यालयों की भूमिका से सम्बन्धित कार्यो का ब्योरा लिया जाए।
समाज के प्रति विश्व विद्यालयों के कार्य का विवरण देना चाहिए कि इस विश्व विद्यालय ने समाज के लिए इस तरह के कार्य किये । इन विश्व विद्यालयो को दुकान बनने से रोकने के लिए कड़ाई से पालन होना चाहिए, आज देश में शिक्षा का बाजारीकरण हो गया है, और ये विश्व विद्यालय कमाई का अडा बन गये है।
उदाहरण सी0 टी0 विश्व विद्यालय ने 20 किलोमिटर रोड़ बनवायी एंव समाज के लिए दो पुलों का निर्माण कार्य किया जिसका रख-रखाव सम्बन्धित कार्य भी विश्व विद्यालयों को करना होगा।
इसी तरह से वैद्युत में डिग्री एंव डिप्लोमा देने विश्व विद्यालयों से बिजली सम्बन्धित कार्य लिये जाएं।
उदाहरण ग्राफिक हिमालय विश्व विद्यालय ने समाज के लिए 20 किलोमीटर तक सड़को में बिजली की वयवस्था की।
उदाहरण पैट्रोलियम यूनिवर्सिटी ने समाज के निर्माण के लिए 1000 बैरल टन तेल निकाला और उसके समाजिक कार्यो में लगाया।
Admin, 21 March, 2018