केरल के रेप एंड र्मडर के चर्चित मामले में गुनहगार को हत्या के आरोप से बरी करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत करार देने वाले रिटार्यड जज जस्टिस मार्कन्डेय काटजू को शीर्ष अदालत ने बहस के लिए आमंत्रित किया है। सुप्रीम कोर्ट ने काटजू के ब्लॉग पर स्वत संज्ञान लेते हुए अपनी तरह की अनूठी पहल की। 15 सितम्बर को दिए गए निर्णय पर समूचे केरल में तीखी प्रतिक्रिया हुई।
जस्टिस रंजन गोगोई, प्रफुल्ल चंद्र पंत और उदय उमेश ललित की बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटार्यड जज का निर्णय पर उंगली उठाना एक गंभीर मामला है। सुप्रीम कोर्ट अपने पूर्व जज की राय को संजीदगी से देखता है।
वह 11 नवम्बर को सुप्रीम कोर्ट में आकर अदालत को सम्बोधित करें। सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस काटजू को इस संबंध में नोटिस जारी किया है।
इससे पहले केरल सरकार की ओर से अटार्नी जरनल मुकुल रोहतगी ने कहा कि गंभीर रूप से घायल युवती से रेप के कारण उसकी मौत हुई। पहले उसकी ट्रेन में इज्जत लूटी गई। दरिंदे से डरकर वह ट्रेन से कूदी जिससे उसे गंभीर चोटें आईं। इन दोनों वारदात को जोड़कर देखने की जरूरत है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे दो भागों में बांट दिया। मृतका की मां की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने कहा कि बलात्कारी से बचने की लिए उसने रेलगाड़ी से छलांग लगाई। उसके बाद मुजरिम ने उससे बलात्कार किया। गंभीर अवस्था में घायल युवती से बलात्कार के कारण ही उसे मस्तिष्क आघात हुआ और मृत्यु हुई।
Admin, 19 October, 2016