कार्बेट नेशनल पार्क
कार्बेट नेशनल पार्क की स्थापना 11 मई, 1935 को तत्कालीन गवर्नर ‘‘सर हेली’’ के नाम से हेली नेशनल पार्क (हेली राष्ट्रीय उद्यान) के नाम से हुई थी। यह देश का पहला नेशनल पार्क है। स्थापना की समय इसका नाम हेली नेशनल पार्क तथा बाद में इसका नाम राम गंगा नेशनल पार्क रखा गया। सन् 1947 में इसका नाम ‘‘रामगंगा राष्ट्रीय उद्यान रखा गया था। तथा सन् 1957 में पुनः इसका नाम बदलकर पर्यावरण प्रेमी, वन्य संरक्षक व प्रसिद्व शिकारी जिम कार्बेट के नाम पर कार्बेट नेशनल पार्क रखा गया।
कार्बेट नेशनल पार्क शिवालिक पहाडि़यो की तलहटी में रामनगर (नैनीताल) से सटा हुआ है, रामगंगा नदी इस पार्क के बीच से होकर गुजरती है। जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान अपने प्राकृतिक सौन्दर्य, यह कई वन्य प्रजातियों एंव वन सम्पदा के लिए प्रसिद्व है। यह पार्क लगभग 521 वर्ग किमी0 में फैला हुआ है, इसका अंक्षाशीय विस्तार 29025, से 290. 40, उत्तरी अक्षांश तथा 780.5, पूर्वी देशान्तर तक है। कार्बोट नेशनल पार्क में उष्ण तथा उपोष्ण कटिबन्धीय वनस्पति मिलती है। इस पार्क में अत्यधिक घने वन मिलते हैं, यहाॅं पायी जानी वाली वृक्ष प्रजातियों में शीशम, साल, खैर, बाॅस तथा सवाना घास आदि मुख्य हैं।
इस पार्क में लगभग 620 पक्षी प्रजातियाॅ, 25 सरीसृप प्रजातियाॅ और लगभग 75 स्तनधारी जीव पाए जाते है। इस पार्क के मध्य में स्थित ‘‘पाटलीदून’’ में वर्षा ऋतु के पश्चात ऊॅंची-ऊॅची घासें होती हैं, जिन्हे खाने हेतु हाथियों के झुण्ड़ बड़ी संख्या में वहाॅं पहुचते है। पार्क में हाथी, ऊॅचाई वाले स्थानों पर हिमालयी काला हाथी, छोटे जंगली जीव एंव रामगंगा नदी के किनारो पर मगरमच्छ एंव घडि़याल भी पाये जाते है।
01 नवम्बर, 1973 में बाघ परियोजना की शुरूआत की गई, अप्रैल, 1973 में उत्तराखण्ड में जिम काॅर्बेट नेशनल पार्क को भारत का पहला बाघ संरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया। संरक्षण के बाद पार्क में शेरों की संख्या में निरन्तर वृद्वि हुई है।
Admin, 05 May 2015